Today, Panchang 5 August 2025 का संपूर्ण पंचांग

आज का दिन — 5 अगस्त 2025, मंगलवार — धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना गया है, क्योंकि आज श्रावण शुक्ल एकादशी (पुत्रदा एकादशी) और मंगल गौरी व्रत का विशेष योग बन रहा है। यह दिन व्रत, पूजा, दान और साधना के लिए उपयुक्त है। इस लेख में आप जानेंगे आज की तिथि, नक्षत्र, योग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और विशेष पर्वों की पूरी जानकारी — ताकि आप अपने दिन की शुरुआत आध्यात्मिक ऊर्जा और सही दिशा के साथ कर सकें।
तिथि & संवत्सर:
- श्रावण शुक्ल एकादशी (Putrada Ekadashi): 11:42 AM – 1:12 PM
- द्वादशी प्रारंभ: 1:12 PM onwards
- विक्रम संवत्: 2082 (Kalayukta), शक संवत्: 1947 (Viswavasu)
सूर्योदय‑सूर्यास्त:
- सूर्योदय: लगभग 6:03 AM
- सूर्यास्त: लगभग 7:02 PM
नक्षत्र, योग, करण:
- नक्षत्र: ज्येष्ठा (11:22 AM तक), तत्पश्चात मूल
- योग: इन्द्र योग सुबह 7:04 AM तक, तत्पश्चात वैधृति योग
- करण: विष्टि (12:31 AM–1:12 PM), बव (1:12 PM–1:45 AM), बालव (1:45 AM–2:08 PM)
पर्व और व्रत:
- त्योहार: श्रावण पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi)
- अन्य व्रत: मंगल गौरी व्रत, दामोदर द्वादशी
राहुकाल, यमगण्डम, गुलिका:
- राहुकाल: लगभग 3:47 PM – 5:25 PM
- यमगण्डम: लगभग 9:18 AM – 10:55 AM
- गुलिका काल: लगभग 12:32 PM – 2:10 PM
- दुर्मूहूर्त: सुबह 8:39–9:31 AM & रात 11:26 PM–12:11 AM
- वरज्यम्: शाम 7:54 PM – 9:36 PM
शुभ मुहूर्त:
- अभिजीत मुहूर्त: लगभग 12:06 PM – 12:58 PM
- ब्राह्म मुहूर्त: सुबह 4:27 AM – 5:15 AM
- अमृत काल: कोई निश्चित समय नहीं मिला
चौघड़िया समय
दिन (06:03 AM–7:40 AM): Rog → Udveg → Char → Labh → Amrit → Kaal → Shubh → Rog
रात की चौघड़िया: Kaal → Labh → Udveg → Shubh → Amrit → Char → Rog → Kaal
सारांश:
- एकादशी तिथि सुबह 11:42 तक है, उसके बाद द्वादशी प्रारंभ होती है।
- राहुकाल (3:47–5:25 PM), यमगण्डम (9:18–10:55 AM) और गुलिका काल (12:32–2:10 PM) में कोई नया शुभ कार्य न करें।
- शुभ मुहूर्त के लिए अभिजीत और ब्राह्म मुहूर्त देखें।
- पुत्रदा एकादशी और मंगल गौरी व्रत जैसे व्रत/उत्सव अधिक धार्मिक ऊर्जा वाले समय में आते हैं।
डिस्क्लेमर
यह लेख प्राचीन हिंदू ज्योतिष परंपरा और धार्मिक ग्रंथों में वर्णित पंचांग की जानकारी पर आधारित है। इसमें दी गई तिथियाँ, मुहूर्त और योग सामान्य गणना के अनुसार हैं, जो स्थान विशेष के अनुसार थोड़ा भिन्न हो सकते हैं। पाठकों से निवेदन है कि किसी भी विशेष धार्मिक अनुष्ठान या कार्य से पहले स्थानीय पंचांग या योग्य ज्योतिषाचार्य से परामर्श अवश्य करें। यह जानकारी केवल आध्यात्मिक मार्गदर्शन और जनसाधारण की सुविधा हेतु प्रस्तुत की गई है।