Ram Prashnavali Answer #6 Chaupai from Balkand

चौपाई : मुद मंगलमय संत समाजु। जो जग जंगम तीरथराजू

 

अर्थ:-संतों का समाज आनंद और कल्याणमय है, जो जगत में चलता-फिरता तीर्थराज (प्रयाग) है। जहां (उस संत समाज रूपी प्रयागराज में) राम भक्ति रूपी गंगाजी की धारा है और ब्रह्मविचार का प्रचार सरस्वतीजी हैं॥

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Chaupai : Mud Mangalamay Sant Samaaju. Jo Jag Jangam Teeratharaajoo

Meaning: The society of saints is blissful and welfare, which is the Tirtharaj (Prayag) walking in the world. Where (in Prayagraj in the form of a saintly society) there is a stream of Gangaji in the form of Ram’s devotion, and Saraswatiji is the propagator of Brahma thought.