Makar Sankranti 2026

मकर संक्रांति भारत का एक पावन पर्व है जो सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश और उत्तरायण की शुरुआत का प्रतीक है। यह दिन सिर्फ त्योहार नहीं, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, स्वास्थ्य, खुशहाली और पुण्य अर्जन का अवसर भी है। इस दिन किए जाने वाले कर्म और अपनाई गई परंपराएँ हमारी भौतिक और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होती हैं।
Makar Sankranti के दिन क्या करना चाहिए
सुबह जल्दी उठकर सूर्य देव की पूजा करना इस दिन सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। सूर्य को जल अर्पित करना, मंत्रों का उच्चारण और भजन करना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। इस दिन गंगा, यमुना या किसी पवित्र नदी में स्नान करना भी शुभ माना जाता है। स्नान से शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं।
दान-पुण्य का महत्व इस दिन विशेष बढ़ जाता है। जरूरतमंदों को तिल, गुड़, अन्न, वस्त्र या अन्य आवश्यक वस्तुएँ दान करना पुण्य के कार्यों में गिना जाता है। तिल और गुड़ के व्यंजन खाने से न केवल शरीर को ऊर्जा मिलती है, बल्कि यह रिश्तों में मिठास और सौहार्द का प्रतीक भी होता है।
पतंग उड़ाना भी इस दिन की परंपरा का हिस्सा है। यह उत्सव और आनंद का प्रतीक है। किसान और ग्रामीण इस दिन अपनी फसल कटाई के बाद प्रकृति और सूर्य देव के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। आम लोग भी पौधों और पेड़ों की देखभाल करके इस भावना को अपनाते हैं।
सकारात्मक विचार रखना और नकारात्मकता से दूर रहना इस दिन का मूल संदेश है। ध्यान, भजन और शुभ कार्यों में समय बिताने से दिन की पुण्य शक्ति का अधिकतम लाभ मिलता है।
Makar Sankranti के दिन क्या नहीं करना चाहिए
क्रोध, द्वेष और नकारात्मक विचार रखने से इस दिन की शुभता कम हो जाती है। इस दिन अनावश्यक विवाद या झगड़ा करना वर्जित माना जाता है। भोजन में अत्यधिक वसा या अस्वस्थ चीजें खाने से बचना चाहिए। साधारण और पौष्टिक भोजन करना शुभ रहता है।
अत्यधिक आलस्य या समय बर्बाद करना इस दिन की शुभता को कम कर सकता है। पूरे दिन को उपासना, पूजा और पुण्य कर्मों में लगाना अधिक लाभकारी होता है। धार्मिक अनुष्ठानों की अनदेखी करना या पूजा के नियमों को नजरअंदाज करना भी इस दिन उचित नहीं माना जाता।
निष्कर्ष
मकर संक्रांति केवल एक पर्व नहीं बल्कि सकारात्मकता, पुण्य और स्वास्थ्य का प्रतीक है। इस दिन सूर्य देव की पूजा, दान-पुण्य, तिल-गुड़ का सेवन और पतंगबाजी करना शुभ होता है। साथ ही क्रोध, झगड़ा और नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए। इन सरल परंपराओं और कर्मों का पालन करके हम इस दिन की पूरी पुण्य शक्ति का लाभ उठा सकते हैं और अपने जीवन में खुशहाली और समृद्धि ला सकते हैं।