Magh Sankashti Chaturthi हिंदू पंचांग में माघ मास को अत्यंत पवित्र माना गया है। इस महीने में किए गए स्नान, दान और व्रत का फल कई गुना अधिक मिलता है। माघ महीने की संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक विशेष तिथि है, जिसे संकटों से मुक्ति और मनोकामना पूर्ति का श्रेष्ठ दिन माना जाता है। इस दिन श्रद्धा और नियम से किया गया व्रत जीवन की बाधाओं को दूर करने वाला माना गया है।

माघ महीने की संकष्टी चतुर्थी कब आती है?
माघ महीने की संकष्टी चतुर्थी माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को आती है। इसी तिथि को कई स्थानों पर सकट चौथ के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन व्रती सूर्योदय से लेकर चंद्र दर्शन तक उपवास रखते हैं और रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत का पारण करते हैं।
माघ संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व
धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में माघ मास को देवताओं का प्रिय महीना कहा गया है। माना जाता है कि इस महीने में देवता पृथ्वी पर विचरण करते हैं। ऐसे में माघ महीने की संकष्टी चतुर्थी पर:
- भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है
- जीवन के सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं
- संतान सुख और परिवार की रक्षा होती है
- मानसिक शांति और आत्मबल में वृद्धि होती है
इसी कारण इसे सभी संकष्टी चतुर्थियों में सबसे महत्वपूर्ण माना गया है।
माघ महीने की संकष्टी चतुर्थी क्यों विशेष मानी जाती है?
माघ संकष्टी चतुर्थी केवल एक व्रत नहीं, बल्कि आस्था और संयम का प्रतीक है। शास्त्रों के अनुसार माघ मास में किया गया कोई भी पुण्य कार्य कई गुना फल देता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से:
- बाधाएँ स्वतः समाप्त होने लगती हैं
- रुके हुए कार्यों में सफलता मिलती है
- जीवन में स्थिरता और संतुलन आता है
इसी कारण इसे संकट नाशक चतुर्थी भी कहा जाता है।
माघ संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि (सरल और शुद्ध)
माघ संकष्टी चतुर्थी की पूजा सरल लेकिन नियमपूर्वक करनी चाहिए:
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें
- भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें
- दूर्वा, लाल फूल, अक्षत और मोदक अर्पित करें
- गणेश मंत्र या संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करें
- रात्रि में चंद्रमा को जल या दूध से अर्घ्य दें
- इसके बाद ही व्रत का पारण करें
माघ संकष्टी चतुर्थी व्रत का फल
मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा से किया गया व्रत:
- संतान के कष्टों को दूर करता है
- घर-परिवार में सुख-समृद्धि लाता है
- रोग, भय और मानसिक तनाव को कम करता है
- भगवान गणेश की स्थायी कृपा प्रदान करता है
माघ संकष्टी चतुर्थी से जुड़ा आध्यात्मिक संदेश
माघ महीने की संकष्टी चतुर्थी हमें यह सिखाती है कि धैर्य, संयम और श्रद्धा से किया गया प्रयास कभी निष्फल नहीं जाता। संकट चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, सच्ची भक्ति से उसका समाधान अवश्य मिलता है।
माघ महीने की संकष्टी चतुर्थी का सारांश
माघ महीने की संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त करने का श्रेष्ठ अवसर है। इस दिन व्रत, पूजा और संयम से जीवन के संकट दूर होते हैं और मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। यही कारण है कि इस तिथि को अत्यंत शुभ और पुण्यदायी माना गया है।
Disclaimer (अस्वीकरण)
यह लेख धार्मिक मान्यताओं और सामान्य पंचांग जानकारी पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी की पुष्टि ramshalaka नहीं करता।
