भगवान शिव — एक ऐसा नाम जो सृष्टि के आरंभ से लेकर प्रलय तक का साक्षी है। उन्हें केवल एक देवता नहीं, बल्कि समस्त ब्रह्मांड की ऊर्जा, शून्यता और चेतना का स्वरूप माना गया है। वे तीनों गुणों (सत्व, रज, तम) से परे हैं, फिर भी हर रूप में समाहित हैं।
शिव केवल संहारक नहीं, वे संरक्षक भी हैं, सृजनकर्ता भी हैं, और त्याग की पराकाष्ठा भी।
उनका रूप एक तपस्वी का है — सिर पर जटा में गंगा, गले में सर्प, शरीर पर भस्म और नेत्रों में अग्नि की झलक।
इतना गूढ़ व्यक्तित्व एक ही नाम से कैसे व्यक्त किया जा सकता है?

यही कारण है कि उन्हें 108 नामों से पुकारा जाता है।
प्रत्येक नाम उनके एक विशिष्ट रूप, गुण, कार्य या रहस्य का प्रतिनिधित्व करता है।
कभी वे “नीलकंठ” हैं – विष पीकर सृष्टि को बचाने वाले,
तो कभी “भूतनाथ” – सभी प्राणियों के स्वामी।
कभी वे “चंद्रशेखर” हैं – जिनके मस्तक पर चंद्र सुशोभित है,
और कभी “महाकाल” – जो समय के पार हैं।
शिव के ये 108 नाम केवल जप या पाठ के लिए नहीं, बल्कि आत्मा को ऊर्जावान करने वाले बीज-मंत्र हैं।
जब आप इन नामों का उच्चारण करते हैं, तो आप शिव के विभिन्न आयामों से जुड़ते हैं —
करुणा से लेकर न्याय तक, तांडव से लेकर ध्यान तक।
हम आपको भगवान शिव के उन 108 नामों की सूची देंगे, जिनके साथ होगा उनका गूढ़ और सरल अर्थ, ताकि आप ना केवल उन्हें जप सकें, बल्कि महसूस भी कर सकें।
| क्रम | नाम (ॐ के साथ) | अर्थ (हिंदी में) | 
|---|---|---|
| 1 | ॐ महेश्वराय नमः | महान ईश्वर | 
| 2 | ॐ शंभवे नमः | कल्याणकारी | 
| 3 | ॐ पिनाकिने नमः | त्रिशूलधारी | 
| 4 | ॐ नीलकंठाय नमः | नीले कंठ वाले | 
| 5 | ॐ ईशानाय नमः | दिशाओं के स्वामी | 
| 6 | ॐ रुद्राय नमः | रुद्र रूप धारी | 
| 7 | ॐ शूलपाणये नमः | त्रिशूल धारण करने वाले | 
| 8 | ॐ गंगाधराय नमः | गंगा को जटाओं में धारण करने वाले | 
| 9 | ॐ त्रिलोचनाय नमः | तीन नेत्रों वाले | 
| 10 | ॐ चंद्रशेखराय नमः | मस्तक पर चंद्र धारण करने वाले | 
| 11 | ॐ कालभैरवाय नमः | काल के भी स्वामी | 
| 12 | ॐ त्रिपुरान्तकाय नमः | तीन पुरों का अंत करने वाले | 
| 13 | ॐ भूतनाथाय नमः | प्रेतों के स्वामी | 
| 14 | ॐ आदिनाथाय नमः | सबसे पहले के ईश्वर | 
| 15 | ॐ पशुपतये नमः | सभी प्राणियों के स्वामी | 
| 16 | ॐ नटराजाय नमः | तांडव करने वाले | 
| 17 | ॐ वृषकेतवे नमः | नंदी पर सवार | 
| 18 | ॐ अघोराय नमः | निर्भय | 
| 19 | ॐ मृत्युंजयाय नमः | मृत्यु को जीतने वाले | 
| 20 | ॐ कपालेश्वराय नमः | कपाल (मस्तिष्क) धारण करने वाले | 
| 21 | ॐ सुरेश्वराय नमः | देवताओं के स्वामी | 
| 22 | ॐ अनंताय नमः | जिनका कोई अंत नहीं | 
| 23 | ॐ अव्यक्ताय नमः | जो व्यक्त नहीं | 
| 24 | ॐ चिरंजीविने नमः | सदा जीवित रहने वाले | 
| 25 | ॐ दक्षाध्वरहाय नमः | दक्ष यज्ञ का विनाश करने वाले | 
| 26 | ॐ विभवे नमः | सर्वव्यापक | 
| 27 | ॐ सत्याय नमः | सत्य स्वरूप | 
| 28 | ॐ विरूपाक्षाय नमः | विचित्र नेत्रों वाले | 
| 29 | ॐ अग्निनेत्राय नमः | अग्नि जैसे नेत्रों वाले | 
| 30 | ॐ गिरीशाय नमः | पर्वतराज | 
| 31 | ॐ भैरवाय नमः | भयानक लेकिन रक्षक | 
| 32 | ॐ नागेश्वराय नमः | सर्पों के स्वामी | 
| 33 | ॐ लिंगेश्वराय नमः | शिवलिंग रूप | 
| 34 | ॐ कामारये नमः | कामदेव का अंत करने वाले | 
| 35 | ॐ श्रुतिकर्त्रे नमः | वेदों के रचयिता | 
| 36 | ॐ भक्तवत्सलाय नमः | भक्तों से प्रेम करने वाले | 
| 37 | ॐ आनंदस्वरूपिणे नमः | आनंद के स्वरूप | 
| 38 | ॐ सर्वज्ञाय नमः | सब कुछ जानने वाले | 
| 39 | ॐ अजयाय नमः | जिन्हें कोई जीत नहीं सकता | 
| 40 | ॐ अच्युताय नमः | अचल, अडोल | 
| 41 | ॐ श्रीकंठाय नमः | सुंदर गले वाले | 
| 42 | ॐ परमेश्वराय नमः | सबसे बड़े ईश्वर | 
| 43 | ॐ सत्यव्रताय नमः | सच्चाई के पालन करने वाले | 
| 44 | ॐ तपस्विने नमः | तपस्वी | 
| 45 | ॐ लोकनाथाय नमः | सभी लोकों के स्वामी | 
| 46 | ॐ एकलिंगाय नमः | एक ही लिंग रूप | 
| 47 | ॐ अर्धनारीश्वराय नमः | अर्ध स्त्री और अर्ध पुरुष रूप | 
| 48 | ॐ वियोगिने नमः | निर्लिप्त | 
| 49 | ॐ जगद्गुरवे नमः | सम्पूर्ण जगत के गुरु | 
| 50 | ॐ भक्तप्रियाय नमः | भक्तों को प्रिय | 
| 51 | ॐ नागभूषणाय नमः | सर्पों के आभूषण धारी | 
| 52 | ॐ विश्वात्मने नमः | सम्पूर्ण सृष्टि की आत्मा | 
| 53 | ॐ करालाय नमः | भयानक रूप | 
| 54 | ॐ त्रिनेत्राय नमः | तीन नेत्र वाले | 
| 55 | ॐ महामृत्युंजयाय नमः | महामृत्यु को हराने वाले | 
| 56 | ॐ देवदेवाय नमः | देवों के भी देव | 
| 57 | ॐ योगराजाय नमः | योग के राजा | 
| 58 | ॐ कालकालाय नमः | काल के भी काल | 
| 59 | ॐ ब्रह्मरूपिणे नमः | ब्रह्मा स्वरूप | 
| 60 | ॐ सृष्टिकर्त्रे नमः | सृष्टि रचयिता | 
| 61 | ॐ दयासागराय नमः | दया के सागर | 
| 62 | ॐ स्वयम्भुवे नमः | स्वयं उत्पन्न | 
| 63 | ॐ तेजस्विने नमः | तेज से पूर्ण | 
| 64 | ॐ लिंगमूर्तये नमः | लिंग रूपी मूर्ति | 
| 65 | ॐ जटाधराय नमः | जटा वाले शिव | 
| 66 | ॐ भस्माङ्गरागाय नमः | भस्म से विभूषित | 
| 67 | ॐ अर्धचंद्राय नमः | मस्तक पर अर्धचंद्र धारी | 
| 68 | ॐ करुणामयाय नमः | करुणा से पूर्ण | 
| 69 | ॐ नमः शिवाय | शिव को नमस्कार | 
| 70 | ॐ शंकराय नमः | कल्याणकारी | 
| 71 | ॐ शिवाय नमः | शुभता देने वाले | 
| 72 | ॐ हराय नमः | पापों को हरने वाले | 
| 73 | ॐ महायोगिने नमः | महान योगी | 
| 74 | ॐ त्र्यम्बकाय नमः | तीन नेत्रों वाले | 
| 75 | ॐ जटामुकुटाय नमः | जटा रूपी मुकुट पहनने वाले | 
| 76 | ॐ गंगावाहाय नमः | गंगा को साथ ले चलने वाले | 
| 77 | ॐ स्मितवक्त्राय नमः | मधुर मुस्कान वाले | 
| 78 | ॐ नीललोहिताय नमः | नीले और लाल रंग से युक्त | 
| 79 | ॐ व्योमकेशाय नमः | आकाश केशधारी | 
| 80 | ॐ त्रिपुंड्राय नमः | त्रिपुण्ड भस्म धारी | 
| 81 | ॐ अग्निलोचनाय नमः | अग्नि नेत्र वाले | 
| 82 | ॐ गौरीशाय नमः | पार्वती के पति | 
| 83 | ॐ उमापतये नमः | उमा के पति | 
| 84 | ॐ अशुतोषाय नमः | शीघ्र प्रसन्न होने वाले | 
| 85 | ॐ भीमाय नमः | भयानक रूप | 
| 86 | ॐ कपाली नमः | कपालधारी | 
| 87 | ॐ चंद्रवक्त्राय नमः | चंद्र जैसे मुख वाले | 
| 88 | ॐ शिवप्रियाय नमः | शिव भक्तों को प्रिय | 
| 89 | ॐ सुरप्रियाय नमः | देवताओं को प्रिय | 
| 90 | ॐ जगद्व्यापिने नमः | पूरे जगत में व्याप्त | 
| 91 | ॐ शाश्वताय नमः | नित्य | 
| 92 | ॐ अचलाय नमः | अडोल | 
| 93 | ॐ शिवज्ञानाय नमः | शिव ज्ञान स्वरूप | 
| 94 | ॐ मुक्तिदाय नमः | मोक्ष देने वाले | 
| 95 | ॐ अचिंत्याय नमः | जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती | 
| 96 | ॐ भूतात्मने नमः | प्राणियों की आत्मा | 
| 97 | ॐ शक्तिमूर्तये नमः | शक्ति के रूप | 
| 98 | ॐ ज्ञानमूर्तये नमः | ज्ञान के रूप | 
| 99 | ॐ चंद्रार्कविलोकनाय नमः | चंद्र और सूर्य के समान दृष्टि वाले | 
| 100 | ॐ महातपसे नमः | महान तपस्वी | 
| 101 | ॐ धर्मवर्षाय नमः | धर्म की वर्षा करने वाले | 
| 102 | ॐ सुगंधाय नमः | दिव्य सुगंध वाले | 
| 103 | ॐ वेदवेद्याय नमः | जिन्हें वेदों द्वारा जाना जाता है | 
| 104 | ॐ सच्चिदानंदाय नमः | सत्य, चित और आनंद स्वरूप | 
| 105 | ॐ नादात्मने नमः | नाद स्वरूप | 
| 106 | ॐ अनादये नमः | जिनका कोई आदि नहीं | 
| 107 | ॐ लयस्थाय नमः | लय में स्थित | 
| 108 | ॐ त्र्यंबकाय नमः | तीन नेत्रों वाले शिव | 
डिस्क्लेमर (Disclaimer):
यह संपूर्ण नामावली प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों, पुराणों, और श्रद्धालुओं की मान्यताओं पर आधारित है।
इसका उद्देश्य केवल आध्यात्मिक जानकारी प्रदान करना और भक्ति भावना को प्रेरित करना है।
इस सूची में दिए गए नामों और अर्थों को श्रद्धा, आस्था और सांस्कृतिक परंपरा के अनुसार प्रस्तुत किया गया है।
यह लेख किसी धार्मिक संस्था की आधिकारिक मान्यता या प्रमाणपत्र नहीं है।
कृपया किसी भी धार्मिक अनुष्ठान या नियम का पालन स्वविवेक या ज्ञानी पंडित/गुरु की सलाह से करें।
