
भारत में भगवान राम की भक्ति अत्यंत प्राचीन और व्यापक है, लेकिन एक दिलचस्प तथ्य यह है कि हनुमान जी की पूजा अक्सर राम जी से भी अधिक की जाती है। इसका मुख्य कारण है – हनुमान जी का जीवंत, शक्तिशाली और सरल-स्वभाव वाला चरित्र, जो हर भक्त को अपने करीब महसूस होता है।
हनुमान जी को चिरंजीवी कहा गया है — यानी वे आज भी पृथ्वी पर जीवित हैं। मान्यता है कि वे सच्चे भक्तों की पुकार तुरंत सुनते हैं और उनके संकट हरते हैं। उन्हें “संकटमोचन” कहा गया है क्योंकि वे अपने भक्तों को रोग, भय, शत्रु, तंत्र-मंत्र और मानसिक पीड़ा से मुक्ति दिलाते हैं।
भगवान राम की पूजा में जहां विधि-विधान और नियमों का पालन जरूरी होता है, वहीं हनुमान जी की पूजा सरल, सीधी और तुरंत फल देने वाली मानी जाती है। केवल “हनुमान चालीसा” या “बजरंग बाण” का पाठ भी भक्तों की रक्षा करता है। यही कारण है कि मंगलवार और शनिवार को देशभर में हनुमान मंदिरों में भारी भीड़ उमड़ती है।
इसके अलावा, हनुमान जी रामभक्तों के आदर्श हैं — उन्होंने शक्ति होने के बावजूद हमेशा विनम्रता, सेवा और समर्पण का मार्ग चुना। आज का व्यक्ति उन्हीं गुणों की तलाश करता है — यही उन्हें हर उम्र और वर्ग का प्रिय देवता बनाता है।
इसलिए कहते हैं — “राम के बिना हनुमान नहीं, और हनुमान के बिना राम नहीं” — फिर भी पूजा के स्तर पर हनुमान जी लोगों के सबसे करीब हैं।
भगवान राम की कृपा आप पर बानी रहे