You are currently viewing 7 अगस्त 2025 का विस्तृत पंचांग: जानिए आज का शुभ मुहूर्त, राहुकाल और चंद्र नक्षत्र

7 अगस्त 2025 का विस्तृत पंचांग: जानिए आज का शुभ मुहूर्त, राहुकाल और चंद्र नक्षत्र

7 अगस्त 2025 का पंचांग जानें शुभ मुहूर्त

Panchang 7 August 2025: भारतीय संस्कृति में पंचांग केवल एक कैलेंडर नहीं बल्कि हमारे दिनचर्या और धार्मिक क्रियाकलापों का दिशा-निर्देशक होता है। यह हमें बताता है कि आज कौन सी तिथि है, कौन-सा नक्षत्र प्रभावी है, कौन से मुहूर्त शुभ हैं और किस समय कोई कार्य नहीं करना चाहिए। 7 अगस्त 2025 का दिन गुरुवार है, और आज श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है, जो भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।

श्रावण का महीना स्वयं में पवित्र और साधना प्रधान होता है, और त्रयोदशी तिथि शिवभक्तों के लिए अत्यंत लाभकारी होती है। यदि आप आज व्रत, पूजा, यज्ञ, अभिषेक या किसी धार्मिक कार्य की योजना बना रहे हैं, तो यह पंचांग आपके लिए हर आवश्यक जानकारी देगा।

तिथि, नक्षत्र और अन्य विवरण:

  • तिथि: श्रावण शुक्ल त्रयोदशी – दोपहर 2:28 बजे तक, फिर चतुर्दशी आरंभ
  • नक्षत्र: पूर्वाषाढ़ा – दोपहर 2:01 बजे तक, फिर उत्तराषाढ़ा
  • योग: विष्कुम्भ – सुबह 6:42 बजे तक, फिर प्रीति
  • करण: तैतिल – दोपहर 2:28 बजे तक, फिर गर

सूर्य एवं चंद्र ग्रह स्थिति:

  • सूर्योदय: सुबह 6:04 बजे
  • सूर्यास्त: शाम 7:01 बजे
  • चंद्रोदय: शाम 6:43 बजे
  • चंद्रास्त: सुबह 4:49 बजे (8 अगस्त)
  • चंद्र राशि: धनु राशि में संचार

अशुभ समय (अवॉइड करें):

  • राहुकाल: दोपहर 2:09 बजे से 3:46 बजे तक
  • यमगण्ड काल: सुबह 6:04 बजे से 7:41 बजे तक
  • गुलिक काल: सुबह 9:18 बजे से 10:55 बजे तक
  • दुर्मुहूर्त: सुबह 10:23 से 11:14 तक और दोपहर 3:33 से 4:25 तक
  • वारज्य: रात 10:10 बजे से 11:48 बजे तक

शुभ समय (मुहूर्त):

  • अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12:06 बजे से 12:50 बजे तक
  • अमृत काल: सुबह 9:04 बजे से 10:45 बजे तक
  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:28 बजे से 5:16 बजे तक
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 3:53 बजे से 4:47 बजे तक

निष्कर्ष : सारांश

7 अगस्त 2025, गुरुवार का दिन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ है। श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए विशेष मानी जाती है। आज पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के प्रभाव से दिन में बदलाव रहेगा, और विष्कुम्भ योग के बाद प्रीति योग आरंभ होगा, जो शुभता को बढ़ाता है।

अभिजीत मुहूर्त और विजय मुहूर्त जैसे शक्तिशाली शुभ समयों में किसी भी कार्य की शुरुआत करना उत्तम रहेगा। साथ ही राहुकाल, यमगंड और गुलिक काल जैसे अशुभ समय से बचकर दिनचर्या बनाना लाभकारी रहेगा।

चंद्रमा का संचार धनु राशि में होने से मानसिक संतुलन, धार्मिक प्रवृत्ति और यात्रा के योग बन सकते हैं। कुल मिलाकर आज का दिन व्रत, पूजा, हवन और किसी भी आध्यात्मिक प्रयास के लिए उत्तम है।

डिस्क्लेमर

यह पंचांग जानकारी वैदिक गणनाओं एवं आम मान्यताओं पर आधारित है। पंचांग की जानकारी स्थान, समय और स्थानीय सूर्य उदय-काल के अनुसार थोड़ी भिन्न हो सकती है। किसी धार्मिक कार्य या शुभ निर्णय से पूर्व किसी योग्य पंडित या ज्योतिषाचार्य से परामर्श अवश्य लें। यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से दी गई है।

Leave a Reply